दिल्ली हिंसाः कपिल मिश्रा एक बहाना है, बीजेपी निशाना है?

प्रमोद गोस्वामी,

देश के जनता से अपील करता हूं कि फैलाई गई अफवाह से बचें और आपसी भाई-चारा बनाए रखें।

आईएसआई और पीएफआई के फंडिंग से चलने वाली गोदी मीडिया व सेकुलर वामपंथी विचारधारा वाले नेताओं को कपिल मिश्रा आतंकवादी लगता है। पिछले दो महीने से अधिक समय से दिल्ली के यातायात को बाधित कर के दिल्ली को आग के हवाले कर के आजादी मांगने वाले लोग कौन हैं? क्या वो लोग कपिल मिश्रा का भाई चाचा,मामा या खाला है? देश विरोध में नारे लगाना, देश के टुकड़े-टुकड़े की बात करना, सड़कों पर पत्थर फेंकना, गाड़ियों, व निर्दोष व्यक्तियों को जलाना ये सब शांतिपूर्ण प्रदर्शन है, और ऐसे पत्थरबाजों और देश विरोधी नारेबाजी के खिलाफ सड़कों पर आना कुछ बुद्धिजीवियों को आतंकवाद लगता है।

असल में कपिल मिश्रा एक बहाना है, भारतीय जनता पार्टी निशाना है? कपिल मिश्रा पर सवाल इसलिए नही उठाया जा रहा कि वह एक नेता है, बल्कि इसलिए उठ रहा है कि वे भारतीय जनता पार्टी का नेता है। इसलिए विरोधी मिश्रा को घेरने में कोई कसर नही छोड़ना चाहते।
कुछ मीडिया ये दिखा रहा है कि कपिल मिश्रा ने भड़काउ भाषण दिया है जिससे जाफराबाद, चांदबाग, करावल नगर में दंगे हुए और कई लोग मारे गए, और मिश्रा पर कार्रवाई की मांग कर रहा है। कपिल मिश्रा का बयान देश ने सुना है। मिश्रा ने कहा कि ट्रंप के जाने तक हम शांति से जा रहे है, लेकिन उसके बाद हम आपकी पुलिस की भी नही सुनेंगे, इसके बाद हमें भी रोड़ पर आना पड़ेगा।

गौर करने वाली बात यह है कि मिश्रा ने दिल्ली पुलिस से कहा कि हम शांति से जा रहे है, लेकिन इसके बाद हमें भी रोड़ पर आना पड़ेगा। ये यह भी हो सकता है कि सीएए के खिलाफ प्रर्दशन कर रहे प्रर्दशनकारियों के खिलाफ मिश्रा सीएए के समर्थन में रोड़ पर आकर प्रर्दशन करें।
गौरतलब है कि भारत में मेहमान के तौर पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आये थे और देश की राजधानी दिल्ली का महौल खराब करने की कोशिश की जा रही थी। ऐसी स्थिति को कोई भी बुद्धिजीवी बर्दाश्त नहीं कर सकता।

मैं उन वामपंथी विचारधारा वाले बुद्धिजीवियों और नेताओं से पूछना चाहता हूं जो लोग पिछले दो महीने से अधिक समय से दिल्ली में तांडव कर रहे हैं। उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की बात क्यों नहीं की? जिस तरह से सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करना कुछ लोगों का अधिकार है उसी तरह समर्थन में प्रदर्शन करना भी लोगों का अधिकार है। जो लोग देश को तोड़ने की बात करेंगा, देश के महौल को बिगाड़ने की कोशिश करेगा। हिन्दुस्तान ऐसे लोगों के सामने खड़ा रहेगा। महौल बिगाड़ने वाले देश के खिलाफ साजिश रचने वाले को रोकना सरकार व प्रशासन का ही नहीं देश के हर व्यक्ति का दायित्व है और कपिल मिश्रा ने भी वही करने की कोशिश की है।

हालांकि, मिश्रा ने ट्वीट कर कहा कि नागरिकता संशोधित कानून का समर्थन करके उन्होंने कोई अपराध नहीं किया। मिश्रा ने कहा, मुझे कई लोगों ने फोन पर जान से मारने की धमकी दी है। नेताओं और पत्रकारों समेत कई लोग मुझे गाली दे रहे हैं। मैं डरता नहीं क्योंकि मैंने कुछ गलत नहीं किया। उन्होंने कहा कि आतंकियों से सहानुभूति रखने वाले मुझसे नफरत कर रहे है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज हिन्दुस्तान विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर हो रहा है। आज भारत का नाम बड़े बड़े देशों में सम्मान के साथ लिया जा रहा है। अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप का भारत आना किसी बड़े अवसर से कम नहीं है, लेकिन यह सब तथाकथित लोगों को रास नहीं आ रहा है। ट्रंप के भारत दौरे के दौरान दिल्ली में हिंसा का महौल बनाना साजिश है? कुछ लोग विदेशों  में भारत के छवि को धूमिल करना चाहते है? ऐसे लोग अच्छी तरह जानते थे कि ट्रंप के साथ विदेशी मीडिया भी आई हुई है, तो क्या ऐसे में दिल्ली के महौल को बिगाड़कर भारत के छवि को खराब करने की कोशिश किया गया था, ताकि भारत के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी के दामन पर भी दाग लगे?

सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए कथाकथिक लोग हिन्दू, मुसलमान को आपस में लड़ाना चाहते हैं। आज दिल्ली को जलाने वाला हाथ न तो हिन्दू का है, न मुसलमान का, ये वो लोग है जिनका कोई धर्म नहीं है ऐसे लोग सिर्फ हिन्दू-मुसलमान का फायदा उठाकर अपने मकसद में कामयाब होना चाहते हैं।

देश के जनता से अपील करता हूं कि ऐसे लोगों के द्वारा फैलाई गई अफवाह से बचें और आपसी भाई-चारा बनाए रखें, ताकि इस तरह के लोग अपने मकसद में कतई कामयाब न हो पाए।

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