दिल्ली सरकार के गलत नीतियों के कारण सरकारी स्कूलों के छात्रों का भविष्य अंधकार में-कांग्रेस

दिल्ली सरकार द्वारा चलाई जा स्कूलों में ऑनलाईन क्लॉस सिर्फ औपचारिकताऐं ही पूरी की जा रही है। 70 प्रतिशत छात्रों के पास स्मार्ट फोन न होने के कारण ऑनलाईन क्लॉस नही ले रहे है। आरटीआई के खुलासे में केजरीवाल ने मार्च से जुलाई 2020 तक विज्ञापन में 151 करोड़ रुपये खर्च किए है- चौ0 अनिल कुमार

यु.सि., नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के शिक्षा माॅडल सवाल उठाते हुए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल सरकार की गलत नीतियों के कारण दिल्ली के सरकारी स्कूल के छात्रों का भविष्य बर्बाद हो रही है।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि सितंबर 2019 के एक ट्विीट में अरविन्द केजरीवाल ने कहा था कि वह लगभग 3.15

लाख छात्रों की सीबीएससी में पंजीकरण की फीस सरकार भरेगी, लेकिन अब दिल्ली सरकार कोविड महामारी के कारण फंड की कमी की दुहाई देकर 10 और 12वीं कक्षा के छात्रा की सीबीएससी पंजीकरण की फीस जमा करने से पल्ला झाड़ रहे है। चौ0 ने कहा कि इसके अनुसार प्रत्येक छात्र को 2450-2950 रुपये जमा करने होंगे। लगभग 100 करोड़ रुपये राशि सीधा बौझ आर्थिक संकट झेल रहे दिल्ली के छात्रां के परिवारों पर पड़ेगा, जबकि अरविन्द सरकार अपने खुद की पब्लिसिटी के लिए फंड की कमी नही है क्योंकि उसने कोविड काल में मार्च-जुलाई, 2020 तक 151 करोड़ रुपये अपने प्रचार पर खर्च किए है।

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के सरकार कोविड महामारी की दुहाई देकर लगभग 7000 गेस्ट टीचरों को नौकरी से निकाल दिया है और सरकारी स्कूलों में बुनियादी ढ़ाचे व सुविधाओं की कमी के कारण एक लाख से अधिक छात्रों की कमी हुई है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि शीला दीक्षित की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या 16.10 लाख थी, जबकि 2019-20 में अरविन्द सरकार के कार्यकाल में सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या 15.19 लाख रह गई है।

 

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