नई दिल्ली। रेहड़ी-पटरी संगठनों के नेता एवं सांसद उदित राज ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से से मिलकर चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की।
रेहड़ी-पटरी व्यवसाय करने वाले न केवल अपनी जरूरत की पूर्ति करते हैं बल्कि इससे बेरोजगारी घटती हैं और आम नागरिक सुगमता सेे सामान खरीदते हैं। एक धारणा बनी है कि इनसे रास्ता बाधित होता है और गंदगी फैलती है। दिल्ली की आबादी और क्षेत्रफल के हिसाब से रेहड़ी-पटरी वालों की संख्या बहुत कम है। मूल समस्या यह हैं कि उचित तरीके से इनकी तहबजारी लगाने की जगह नहीं हैं जब की जमीने खाली पड़ी हैं। नेता, पुलिस और कर्मचारी भी नहीं चाहते कि इनको सुव्यवस्थित ढ़ंग से तहबजारी लगाने का प्रबंधन किया जाए। बार-बार नगर विक्रय समिति (टाऊन वैडिंग कमीटि- टीवीसी) के चुनाव करा कर इनकी समस्याओं का निराकरण किया जाए लेकिन हमेशा से अड़चने खड़ी की जाती है।
2007 में दिल्ली नगर निगम में 131807 वैंडर का पंचीकरण हुआ था। नई दिल्ली नगर निगम में 4350 और कैन्ट में लगभग 1500। तीनों नगर निगम द्वारा 20 जून, 2018 से टाऊन वैंडिग कमीटी के चुनाव के नामांकन की शुरुआत हो चुकी हैं जब कि मतदाता सूचि में 20 हजार से भी कम रेहड़ी-पटरी वाले है। चुनाव की तारिख 15 जूलाई, 2018 निश्चित की गई है। प्रशासन की तरफ से प्रयास नहीं किया गया कि 2007 में पंजीकृत वैंडर्स मतदाता सूची में लाए जाए। नई दिल्ली नगर निगम में ऐसा प्रयास किया था लेकिन उसने आखिर में निर्वाचण प्रक्रिया को स्थगित कर दिया। ऐसा दिल्ली नगर निगम क्यों नही कर सकती। इसमें घोर अनियमता और अन्याय है।
वैंडर्स को मतदाता सूचि में लाने का प्रयास नहीं किया गया। नगर निगम में वार्ड का डिलिमिटेशन हुआ और तमाम वैंडर्स मतदाता सूची में नहीं आ सके। उदाहरण के तौर पर जो वैंडर्स 2007 में वार्ड 134 में मतदाता थे तो उसमें से ज्यादा का वार्ड बदल गया और इस तरह से मतदाता सूचि से नाम गायब हो गया। जोन बदलने से वैंडर्स मतदाता सूचि में स्थान प्राप्त नहीं कर सके। जिन्होंने कोशिश की तो इस बात से इनकार कर दिया कि जिस जोन में पहले मतदाता थे वहा से कागजात हस्तान्तरित नही किए गए।
नेशनल पाॅलिसी आॅन अर्बन स्ट्रिड वैंडर के अनुसार कुल 2.5 प्रतिशत तहबजारी कि जगह जनगणना 2001 के आवादी के अनुसार होना चाहिए। दिल्ली की आवादी इस समय लगभग 2 करोड़ 25 लाख होगी तो उसके हिसाब से लगभग 6 लाख वैंडर्स होना चाहिए और वर्तमान में जो चुनाव हो जा रहा वह लगभग 20 हजार पर है।
मतदाता सूची में 1992 में तहबजारी के लिए दिया गया आवेदक, 2001 में हाकिंग लाईसेन्स के लिए जिन्होंने आवेदन किया, तहबजारी के लिए नगर निमग द्वारा काटे गई रशीद 2007 में सभी आवेदनकर्ता 2009 में लाईसेन्स के लिए दिए गए आवेदन और जिन्होंने जे. पी. सिंह और रेखा रानी जोनल वैंडिग एमसीडी कोर्ट में अपील की।
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