नोएडा। जब टीवी और इंटरनेट नहीं था तो रेडियो ही था, लोग रेडियो कान पर लगाए न जाने कितने किलीमीटर का सफर तय कर लेते थे, उसमे चाहे गाने हो, खबरे हो या क्रिकेट हर तरह की खबरे उन्हें मिल जाती थी, यहाँ तक की कई चैपालों पर लोग मिलकर रेडियो सुना करते थे। धीरे धीरे रेडियो में विस्तार हुआ कई चैनल्स खुले जिन्होंने मनोरंजन के साथ साथ समाज सुधारक की भूमिका भी अदा की और आज रेडियो जॉकी समाज में अपनी एक अलग पहचान रखते है जहाँ सिर्फ आवाज ही उनकी पहचान लोगो के दिलो में पहुँच जाती है यह कहना था विश्व रेडियो दिवस के अवसर पर प्रोफेसर अलोक पुरानिक का, जो ग्लोबल फेस्टिवल आॅफ जर्नलिज्म के दुसरे दिन विश्व रेडियो दिवस के अवसर पर मारवाह स्टूडियो में उपस्थित हुए। इस अवसर पर अगुस्तो मोनटीअल भारत में वेनेजुएला के राजदूत, पत्रकार संतोष भारतीय, ओमकरेश्वर पांडे और एंकर श्वेता झा उपस्थित हुए।
अगुस्तो मोनटीअल ने कहा की आज भी मैं जब कार में बैठता हूँ या अकेला होता हूँ तो म्यूजिक या रेडियो चला देता हूँ जिससे यह भी पता चल जाता है की आगे जाम मिल सकता है या नहीं, हिंदुस्तान के आरजे बहुत अच्छी भूमिका निभा रहे है इससे हमे भारत आकर मुझे हमेशा ही अच्छा लगता है और छात्रों से मिलकर मुझे एक नयी ऊर्जा मिलती है। ओमकरेश्वर पांडे ने कहा की हम लोग भी अगर कही जाते है तो रेडियो सुनना पसंद करते है और उससे पूरी तरह जुड़ जाते है वो चाहे गीत संगीत की बात हो या शहर में हो रही घटनाओं की। श्वेता झा ने कहा की आज जर्नलिस्म एक अलग तरीके की जद्दो जेहद बन गयी है जहाँ हर एंकर और पत्रकार यही चाहता है की उसे बड़ी से बड़ी ब्रेकिंग न्यूज मिले जो पुरे दिन छाए रहे इसलिए वो कई बार मसाला डालने का एडवांटेज ले लेते है जोकि कई जगह गलत भी साबित होता है लेकिन आज हर इंसान कुछ नया देखना चाहता है और उसके लिए हमे तैयार रहना पड़ता है।
इस अवसर पर संदीप मारवाह ने कहा की रेडियो एक शानदार माध्यम है कम शब्दों और चंद सेकण्ड्स में अपनी बात दूर तक पहुँचाने का। मेरी बहुत खुशकिस्मती है कि मैं इतने बुद्धिजीवी लोगों के साथ बैठकर उनके अनुभव सुनता हूं और कोशिश करता हूं कि मैं और मेरे छात्र उन अनुभवों से वह ज्ञान अर्जित करें जो किसी किताब में नहीं मिलता।
समारोह के अन्य कार्यक्रमों में वर्ल्ड रेडियो डे का पोस्टर लांच, पेंटिंग प्रदर्शनी, फोटोग्राफ प्रदर्शनी, वर्कशॉप और कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। जिसमे छात्रों ने पूरे जोश के साथ भाग लिया।