(यु.सि.) नई दिल्ली। कोरोना की लड़ाई में दिल्ली भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी आपस में उलझ रही है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने दिल्ली सरकार पर कोरोना के उपर राजनीति करने की आरोप लगाया है। श्री गुप्ता ने कहा कि केंद्र के हस्तक्षेप के बाद कोरोना से लड़ाई मजबूती की ओर बढ़ने लगी है, लेकिन व्यवस्था सुधारने की जगह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोसिया होम आइसोलेशन और कोरोना मरीज के कोविड केयर सेंटर जाने पर राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने केजरीवाल सरकार को कोरोना काल में राजनीति न करने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता को पता है कि केजरीवाल सरकार की खराब व्यवस्था के चलते दिल्ली को कितने बुरे दौर से गुजरना पड़ा है। अब केंद्र के हस्तक्षेप के बाद व्यवस्था पटरी पर आने लगी है। यही वजह है कि दिल्ली में संक्रमण होने की दर में 10 प्रतिशत की कमी आई, लेकिन केजरीवाल सरकार दिल्ली को फिर कोरोना कैपिटल बनाने में लगी हुई है।
श्री गुप्ता ने सवाल किया कि एक तरफ दिल्ली सरकार कोरोना पॉजिटिव मरीजों को कोविड सेंटर न आने की जगह घर में रहने की सलाह दे रही जिसके फलस्वरूप अगर किसी मरीज की मौत होती है तो क्या दिल्ली सरकार उसकी जिम्मेदारी लेगी? दिल्ली सरकार सिर्फ केजरीवाल मॉडल और अमित शाह मॉडल की राजनीति कर रही है। दिल्ली की जनता जानती है कि पिछले 80 दिनों में केजरीवाल मॉडल की वजह से दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह धवस्त हो गई थी। एक समय ऐसा आया कि मौत का आंकड़ा आसमान छूने लगा और अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाटों में जगह नहीं बची थी। उन्होंने कहा, अगर दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था सही होती तो गृह मंत्री अमित शाह को दिल्ली सरकार के अस्पतालों का निरीक्षण के लिए नहीं उतरना पड़ता।
गौरतलब है कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मांग की है कि दिल्ली में उपराज्यपाल के आदेश से लागू नई व्यवस्था, जिसके तहत हर कोविड पॉजिटिव मरीज को क्वारंटीन सेंटर जाकर जांच करानी जरूरी है, उसे खत्म किया जाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में लागू नई व्यवस्था की वजह से अफरा-तफरी का माहौल है। मेडिकल और प्रशासनिक सिस्टम पर दबाव बढ़ गया है। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने गृहमंत्री अमित शाह से अनुरोध किया है कि वे जल्द से जल्द हस्तक्षेप कर नई व्यवस्था को खत्म कर दिल्ली में पुरानी व्यवस्था को बहाल कराएं, ताकि प्रत्येक व्यक्ति को जांच कराने के लिए क्वारन्टीन सेंटर न जाना पड़े और पुरानी व्यवस्था तहत दिल्ली सरकार की मेडिकल टीम मरीज के घर जाकर जांच करे।