केजरीवाल और मोदी ने, दिल्ली का ये सुनहरा अवसर गंवा दिया-सुरजेवाला

नई दिल्ली। चुवान आयोग ने दिल्ली विधानसभा चुनाव की ऐलान सोमवार को कर दिया। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी के सरकार और राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी के सरकार पर सवालिया निसान लगाते हुए कहा कि दिल वालों की ये दिल्ली दो झगड़ालू व्यक्तियों के झगड़े में देश के सबसे पिछले पायदान आ गई है। 5 वर्ष आप पार्टी और भजपा ने, 5 वर्ष अरविंद केजरीवाल और नरेन्द्र मोदी ने एक दूसरे पर इल्जामों की और आरोप-प्रतारोप की राजनीति में निकाल दिए। एक दूसरे से गाली-गलौच में केजरीवाल ने और नरेन्द्र मोदी ने, दिल्ली का ये सुनहरा अवसर गंवा दिया। केन्द्र की सरकार दिल्ली की हर सुविधा का गला घोंटने पर उतारु है। केजरीवाल बजाए दिल्ली का काम करने के केवल भाजपा पर आरोप मढ़ अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहते हैं। अगर कोई उदाहरण दिल्ली में विकास और तरक्की का देखना है, तो वो 15 साल का कांग्रेस का शासन था, जब स्वर्गीय शीला दीक्षित, दिल्ली की मुख्यमंत्री थी, हमने उस समय भी ये साबित कर दिखाया, जब 5 वर्ष केन्द्र में भाजपा का शासन था और वाजपेयी जी प्रधानमंत्री थे, तो दिल्ली की प्रगति को कांग्रेस और शीला दीक्षित जी ने कभी रुकने नहीं दिया।
दिल्ली नगर निगम में भाजपा की सरकार पर बोलते हुए सुरजेवाला ने कहा, 2002 से लगातार भाजपा के पास दिल्ली की तीनों कार्पोरेशन हैं, पर दिल्ली की तीनों कार्पोरेशन अब भ्रष्टाचार, निकम्मेपन और नाकारापन का अड्डा बन गई है। मोदी जी बात तो करते हैं स्वच्छता की, पर दिल्ली में कूड़े के ढेर और गंदगी है। बुराड़ी हो या करनाल रोड़ का कूड़े का पहाड़, ये शायद हिंदुस्तान में सबसे ऊंचे कूड़े के पहाड़ हैं। भ्रष्टाचार तो उन्होंने खुद ही मान लिया, इसलिए अमित शाह ने सारे कार्पोरेशन की टिकट काट दी थी, कार्पोरेशन के चुनाव में।
मुख्यमंत्री केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए सुरजेवाला ने कहा कि केजरीवाल के पांच साल के कार्यकाल में उन्हें इतनी हिम्मत होनी चाहिए कि एक ओवरब्रिज, अस्पताल, विश्वविद्यालय बना दें, डीटीसी की एक बस तो खरीद लें, दिल्ली की मेट्रो का फेस 3 ही पूरा कर देते। केवल और केवल इल्जामात की राजनीति से अगर हिम्मत नेता की बढ़ती है, तो माफ कीजिए वो प्रजातंत्र के लिए सुखद नहीं है।
चुनाव आयोग पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग, जो एक देश की चुनाव करवाने वाली सबसे बड़ी संस्था है, उससे ये उम्मीद करते हैं कि दिल्ली का चुनाव निष्पक्ष होगा और किसी प्रकार की धांधली की शिकायत अगर आएगी, तो चुनाव आयोग उस पर तीव्र गति से कार्यवाही करेगा।

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