यु.सि., नई दिल्ली। केन्द्र सरकार द्वारा कृषि बिल को मंजूरी दिए जाने को लेकर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बिल को किसान विरोधी बताकर केन्द्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकताओं ने सोमवार को राजघाट से राज निवास तक न्याय मार्च करके किसान विरोधी बिलों को वापस लेने के लिए उपराज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।
इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चै0 अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा की केन्द्र की सरकार दूसरे सरकारी क्षेत्रों और विभागों की तरह कृषि क्षेत्र को भी कॉर्पोरेट्स के हाथों में सौंपने के लिए दृढ संकल्प दिख रही है। किसानों को उनकी उपज का मूल्य देने से इन्कार करने के लिए, एमएसपी को खत्म करके, यह कृषि बिल किसानों की आय के अंतिम पैसे तक का हकदार कॉर्पोरेट्स क्षेत्र बन जाएगा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली पूरी तरह से तानाशाही हूकूमत की गिरफ्त में है, दिल्ली पुलिस द्वारा मुख्यतः कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को निशाना बनाया जाता है जब वे लोगों की आवाज उठाने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश करते है, परंतु जब यही विरोध प्रदर्शन भाजपा और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता, बिना कोविड दिशा निर्देशों का पालन किए करते है तो पुलिस उन्हें संरक्षण देती है।
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अनिल कुमार ने कहा कि कांग्रेस दिल्ली पुलिस द्वारा अपनायी जा रही द्वेषपूर्ण और क्रूर रणनीति के दवाब में आकर लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना बंद नही करेगी, विशेषकर किसानों से संबधित जो देश के अस्तित्व, वृद्धि और विकास की रीढ़ हैं। किसानों ने कोविड लॉकडाउन के बावजूद सभी बाधाओं के बाद भी लोगों के लिए मुश्किल वक्त में भी खेती उत्पादों को उगाया। परंतु मोदी सरकार द्वारा लाया गया किसान विरोधी कृषि बिल किसानों की न्यूनतम सुनिश्चित आय को भी उन्हें मिलने नही देगा।