-प्रमोद गोस्वामी
दिल्ली विधानसभ चुनाव को चार साल पूरे हो चुके, महज एक साल बाद दिल्ली विधानसभा का चुनाव है। ऐसे में दिल्ली सरकार और दिल्ली के विधायक तैयारियों में जुट चुके है। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले लोकसभा चुनाव है और दिल्ली सरकार एवं अन्य पार्टियों का फोकस लोकसभा चुनाव को लेकर है।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के परिणाम से ही काफी हद तक दिल्ली विधानसभा चुनाव के आंकड़े साफ हो जायेंगे। आम आदमी पार्टी ने चांदनी चैक लोकसभा से नया चेहरा पंकज गुप्ता को मैदान में उतारा है। आप प्रत्याशी पंकज गुप्ता को क्षेत्र की जनता कितनी अहमियत देती है वह आप विधायकों के चार साल के कार्यकाल पर निर्भर करता है।
हालांकि, सदर विधानसभा से आप विधायक सोमदत्त ने बेतुका ब्यान देते हुए कहा कि हर चुनाव अलग-अगल मुद्दों पर लड़ा जाता है। सांसद और निगम का चुनाव विधायक के कामों पर निर्भर नहीं करता? वही चांदनी चैक से आम आदमी पार्टी के लोकसभा प्रभारी व सांसद उम्मीदवार पंकज गुप्ता का कहना है कि विधायक या निगम पार्षद के कार्यों से ही खुद की और पार्टी की पहचान होती है और उन्हीं के कार्यों से ही जनता उन्हें या उनकी पार्टी उम्मीदवार को वोट करती है।
किसी भी क्षेत्र का जनप्रतिनिधि, जनता के प्रति समर्पित न हो, उनके लिए काम नहीं किया हो, तो जनता उन्हें या उनकी पार्टी के किसी भी प्रत्याशी को मौका नहीं देगी? यह किसी व्यक्ति विशेष की बात नहीं है। चुनाव चाहे सांसद, निगम या विधायक का हो उनकी जीत तभी संभव है जब पार्टी कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि जनता से जमीनी स्तर पर जुड़े हुए हों।
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