नई दिल्ली। धार्मिक स्थानों में चलने वाले लंगरों पर लगने वाले अपने हिस्से के जी.एस.टी. को वापिस देने के केन्द्र सरकार द्वारा जारी किये गये नोटिफिकेशन का शिरोमणी अकाली दल ने स्वागत किया है।
पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, शिरोमणी कमेटी अध्यक्ष गोबिन्द सिह लौंगोवाल, अकाली दल के महासचिव बिक्रम सिंह मजीठीया, सांसद नरेश गुजराल एवं दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. ने गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में आज गुरू महाराज का शुक्राना करने के बाद पत्रकारों को संबोधित किया।
सुखबीर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आदि का धार्मिक स्थानों के लंगर की रसीद पर लगने वाले जी.एस.टी. को टैक्स छूट देने की मांग की। कांग्रेस सरकार ने सिखों के पवित्र स्थान श्री हरिमंदिर साहिब की ओर फौज के साथ आज के दिन कूच करके सिखों का कत्ल किया था पर मोदी सरकार ने आज सिखों के लंगरों की रसद पर लगने वाले जी.एस.टी. को वापिस देने का ऐलान किया है। जोकि गुरुद्वारों के साथ ही सभी धार्मिक संस्थानों के लिए बड़ी राहत है।
केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर हरसिमरत ने आज के दिवस को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि गुरू साहिबानों ने हमें सरबत के भले का पाठ पढ़ाया था। उसी पाठ पर चलते हुए मोदी सरकार ने आज धार्मिक स्थानों के लंगरों पर लगने वाले सी.जी.एस.टी. एवं आई.जी.एस.टी. के तौर पर प्राप्त होने वाले अपने हिस्से के टैक्स को वापिस देने का ‘‘सेवा भोज योजना’’ के तहत ऐलान किया है।
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हरसिमरत ने कहा कि पंजाब के वित्तमंत्री ने जी.एस.टी. कौंसिल में एक बार भी इस मसले को नहीं उठाया। जबकि पंजाब के गुरुद्वारां को टैक्स राहत देने के लिए पंजाब के वित्तमंत्री का बोलना जरूरी था। क्योंकि कौंसिल में फैंसले आम सहमति के साथ लिये जाते है। परन्तु मैंने एक आम सिख होने के नाते इस लड़ाई की शुरूआत की। क्यांकि मैं भी कौंसिल की सदस्य नहीं थी। इसलिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंन्द्र फड़नवीस के साथ मुलाकात करके दोनों मुख्यमंत्रियों से लंगर को जी.एस.टी. मुक्त करने के बारे समर्थन पत्र प्राप्त किये। अब इस योजना का फायदा सभी धार्मिक संस्थानों को प्राप्त होगा।
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