हरेश कुमार, (लेखक)
मुस्लिम तुष्टिकरण और छद्म सेक्युलरिज्म की लाइलाज बीमारी के शिकार लोगों का मानना है कि ऐसे लोगों की जनसंख्या मात्र एक प्रतिशत है जो तबलीगी जमात और इनके समर्थक हैं, लेकिन हमारा मानना है कि यह सिर्फ और सिर्फ इनकी हरकतों पर पर्दा डालने के लिए ऐसा कहा जा रहा है। इसी एक प्रतिशत ने देशभर की नाक में दम कर रखा है। कश्मीर से लाखों हिदुओं (कश्मीरी पंडितों) को हर तरह के अमानवीय व्यवहार कर भगा दिया। आज तक बाकी के 99 प्रतिशत में से एक ने भी नहीं कहा कि आ जाओ, जो गलती हुई उसे भूल जाओ। सामूहिक बलात्कार से लेकर आरी से काटा गया कश्मीरी पंडितों की बहू-बेटियों को, संपत्ति पर कब्जा किया सो अलग। बंटवारे के समय पाकिस्तान में 40 प्रतिशत आबादी हिंदुओं की थी, आज एक प्रतिशत भी नहीं है। कहां गए, जमीन खा गई या आसमान निगल गई इन सबको। बांग्लादेश के बनने के समय 22 प्रतिशत आबादी हिंदुओं की थी, वही हाल अफगानिस्तान का भी है। इस एक प्रतिशत ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर की नाक में दम कर रखा था। अकेले दिल्ली में हजारों करोड़ की संपत्ति को राख कर दिया और मासूम इतने कि आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन (निलंबित) के घर पर आईबी के कॉन्स्टेबल अंकित शर्मा की 400 बार चाकुओं से गोदकर हत्या की गई, फिर भी मन नहीं भरा तो नाली में फेंक दिया। उस नाली से 6 शव और बरामद हुए। उसी के बगल में उत्तराखंड के एक युवक की पहले हाथ-पैर काटकर और फिर आग में डालकर जला दिया।
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इनकी मासूयिमत की कहानी पिछले साल दिसंबर में आप के ओखला विधायक अमानतुल्लाह खान के नेतृत्व में दिखी थी, तब ओखला, जामिया नगर से लेकर कई इलाकों में सैकड़ों करोड़ की संपत्ति जला दी थी। 101 दिन दिल्ली-नोएडा-फरीदाबाद रूट को इस एक प्रतिशत ने ऐसी की तैसी कर रखी। मुबारक हो आपको आपका गुलशन। इस एक प्रतिशत ने देशभर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैला दिया है और अब भी इनकी जाहिली हरकत कम होने का नाम नहीं ले रही।