नई दिल्ली। पुस्तक प्रेमियों के लिए 4 से 12 जनवरी, 2020 तक नई दिल्ली प्रगति मैदान में विश्व पुस्तक मेले के 28वें संस्करण का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन राष्ट्रीय पुस्तक न्यास और आईटीपीओ के सहयोग से किया जा रहा है।
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, के अध्यक्ष प्रो. गोविन्द प्रसाद शर्मा ने बताया कि इस वर्ष भारत महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है। इस उपलक्ष्य में न्यास द्वारा निर्धारित इस बार की थीम ‘‘लेखकों के लेखक महात्मा गाँधी’’ विषय पर केंद्रित है। उन्होंने आगे कहा कि यह थीम गांधी जी के जीवन के अधिकांश पहलुओं और समसामयिक लेखकों पर उनके प्रभाव को दर्शाती है। मेले के महत्वपूर्ण विशेषताओं का उल्लेख करते हुए प्रो. शर्मा ने बताया कि इस वर्ष लगभग छह सौ से अधिक प्रकाशक विभिन्न भाषाओं में अपनी पुस्तकें तेरह सौ से अधिक स्टाॅलों पर प्रदर्शित करेंगे। ये पुस्तकें विभिन्न भाषाओं जैसे बांग्ला, अंग्रेजी, गुजराती, हिंदी, मैथिली, मलयालम, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगु और उर्दू में होंगी। उन्होंने यह भी बताया कि व्यापार-सत्र के अतिरिक्त विभिन्न साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ जैसे सेमिनार, पुस्तक विमोचन कार्यक्रम और पैनल चर्चा आदि इस मेले में आयोजित किए जाएंगे। प्रो. शर्मा ने कहा कि भारत एक बहुभाषी देश है जिसमें जनजातीय भाषाओं और कहानी वाचन की मौखिक परंपराएं आज चलन से बाहर होती जा रही हैं। न्यास ने इनके संरक्षण का संकल्प लेते हुए इन भाषाओं में पुस्तकें प्रकाशित करने तथा इनके विकास हेतु तमाम गतिविधियाँ आयोजित करने का निर्णय लिया है।
इस वर्ष विश्व पुस्तक मेला 2020 की थीम है गांधी ‘लेखकों के लेखक‘ महात्मा गांधी एक सफल लेखक, संपादक और प्रकाशक थे। उन्होंने गुजराती, हिंदी और अंग्रेजी भाशा में लिखा। उनके लेखन ने न केवल अहिंसा और शांति के उनके दर्शन को प्रतिबिंबित किया, बल्कि देश के सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक परिदृष्य को भी एक अंतर्दृष्टि दी। इस वर्ष की थीम में पुस्तक प्रेमियों को इस बात की झलक दिखाने का प्रयास किया गया है कि महात्मा गांधी ने, जो कि एक महान रणनीतिक भी थे, कैसे लेखकों को पीढ़ियों तक प्रभावित व प्रेरित किया और कैसे बाद के लेखकों ने उनकी प्रेरणा को अपने लेखन में शब्दों के माध्यम से प्रकट किया। इस मेले में विशेष रूप से तैयार किए गए मंडप में गांधी द्वारा और गांधी पर विभिन्न भारतीय भाषाओं में लिखी गईं 500 पुस्तकों की प्रदर्षनी लगायी गई है।
विश्व पुस्तक मेला जनता के लिए प्रत्येक दिन 11 बजे से रात्रि आठ बजे तक खुला रहेगा। स्कूल यूनिफोर्म में आने वाले स्कूली बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों का प्रवेश निःशुल्क होगा।
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