नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने ऑनलाइन शेयर बाजार में निवेश के नाम पर धोखाधड़ी के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में विजय मसीह उम्र 41 वर्ष और अबुतलिफ मंसूरी उम्र 27 वर्ष है। दोनों आरोपी रांची के रहने वाले है। मामला कुछ इस प्रकार है। शिकायतकर्ता साजिद हुसैन ने नेब सराय थाने में खुद के साथ ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराया। बताया कि मई 2019 के महीने में एक व्यक्ति ने उनसे अपने मोबाइल फोन पर संपर्क किया और उन्हें ऑनलाइन शेयर बाजार ट्रेडिंग कंपनी में निवेश करने के लिए कहा और हर महीने 12 से 17 प्रतिशत का आश्वासन दिया। उसनेे बहुत कम समय में अपना पैसा निवेश में दोगुना करने का भी वादा किया।
आरोपी विजय मसीह निवेश करने के लिए समझाने में सफल रहा। शिकायतकर्ता पीड़ित ने उस पर विश्वास किया और ऑनलाइन शेयर मार्केट ट्रेडिंग में अपनी राशि का निवेश करने के लिए 22 लाख (15 लाख रुपए फंड ट्रांसफर और 7 लाख रुपए नकद) आरोपी को दे दिया। शुरू में, आरोपी ने पीड़ित को ब्याज के रूप में कुछ राशि दी, लेकिन 2 महीने बाद अपना नोएडा स्थित कार्यालय को बंद कर दिया। कुछ समय बाद शिकायतकर्ता को पता चला कि उनके साथ धोखा किया गया है। उनकी शिकायत पर पीएस नेब सराय में एफआईआर नंबर 400/19 यूएस 420/406 आईपीसी दर्ज कर जांच की गई।
साइबर सेल टीम के जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों के विभिन्न बैंकों में कई बैंक खाते हैं और उन्होंने ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेश के नाम पर योजनाबद्ध तरीके से अलग-अलग लोगों से मोटी रकम वसूली है।
टीम के अथक प्रयासों से शेरेटन होटल, साकेत के पास ठगी के ठिकानों का पता लगाया गया। 12 दिसंबर 2019 को, टीम ने शेरेटन होटल, साकेत के पास जाल बिछाया और शिकायतकर्ता से इशारा मिलते ही दो आरोपियों जैसे विजय मासिह और मो. अबुतलिफ मंसूरी को गिरफ्तार कर लिया गया।
निरंतर पूछताछ पर, उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने ऑनलाइन शेयर बाजार में निवेश करने के नाम पर 100 से अधिक व्यक्तियों को धोखा दिया है। अभियुक्त विजय मसीह इस धोखाधड़ी की योजना का मास्टर माइंड है। उन्होंने 20 से 30 प्रतिशत कमीशन के आधार पर 4 से 5 लड़कों को नौकरी पर रखा और बड़े निवेशकों को फंसाने के लिए एक बोनस देता था। उन्होंने अलग-अलग नाम से 15 खाते खोल रखे हैं। उन्होंने निवेशकों का विश्वास हासिल करने के लिए नोएडा के सेक्टर 62 में अपना कार्यालय खोला था। लोगों से राशि एकत्र करने के बाद, उस कार्यालय को कुछ महीने के बाद खाली कर देता था।
डिप्टी कमिशनर अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि मामले की आगे की जांच प्रक्रिया चल रही है और उसके अन्य साथियों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है।
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